true

10

वर्ष

हमारे बारे मे

10 वर्षों का सामाजिक सफर..

श्रमिक उत्थान एवम् सामाजिक कल्याणकारी आसोशिएशन के लक्ष्य की पूर्ति हेतु निर्मित राजनीतिक पार्टी/पक्ष/दल। समाज में श्रमिकों, किसानों व आर्थिक कमजोर मध्यम वर्ग की अनदेखी तथा जाति, धर्म, नस्ल, वर्ग को लेकर फैलता भेद-भाव एवं वैमनस्यता की राजनीति आदि समाप्त करने हेतु....

  • पार्टी उद्‍गम से पूर्व के कार्य...
  • 2014 मनमोहन सरकार के कार्यकाल के दौरान गैस सिलेंडरों..
  • कोरोनाकाल में मनरेगा/श्रमिक ट्रेन / आपदा प्रबंधन समिति पर जोर..
विस्तार से पढ़ें

हमें सहियोग करें..

देश के आमजन के उद्देश्यों व उनके मौलिक अधिकारों (मूलभूत अधिकार) की पुर्ति हेतु संकल्पित पक्ष "अखिल भारतीय श्रमिक पार्टी" एक ऐसी पार्टी/पक्ष है जो देश के सभी 90% आमजनों के लिये दृणसंकल्पित है, न कि 10% पूँजीपतियों के उद्देश्यों की पूर्ति के लिये जो आपका शोषण करते हैं, जो अपने उद्देश्य पूर्ति के लिये कुछ ऐसी राजनीतिक पार्टियों को मोटी रक्कम फंड के नाम से देकर सौदा करते हैं कि सत्ता में आने के बाद वो उन्हे बड़े-बड़े प्रोजेक्ट/टेण्डर के नाम से व बड़े-बड़े लोन को मांफ करने के नाम से फंड को दस गुना लाभ के जरिये वापस करेंगे, और ये राजनीतिक पार्टियाँ इन पैसों का इस्तेमाल बड़े‌-बड़े इवेंट, रैलियों, जनसभा आदि व कार्यक्रमों में भीड़ इकठ्ठा करने के लिये गरीब लोगों को 200 से 500 रूपये तक का लालच देकर भीड़ जमा करते हैं, और अपने पक्ष में नारेबाजी करवाते हैं, जिनके माध्यम से ये पार्टियाँ माहौल को अपने पक्ष में बनाते हैं, ये गरीब श्रमिक, किसानों की मजबूरियों का लाभ अपने हित-लाभ / सत्ता पर आसीन होने के लिये उठाते हैं और बकौल आम जनता इनके झांसे में आ जाती है, वो गरीब ये नहीं जानते हैं कि उनके द्वारा लिये गये चंद रूपयो का खामियाजा पूरा देश झेलता है इतना ही नहीं ये जाति-धर्म, मजहब, नस्ल, वर्ग का भेद-भाव और डर दिखा कर नफरत की भावना व वैमनस्यता फैलाते हैं, ऐसे राजनीतिक दल चुने तो जनता के द्वारा जाते हैं लेकिन लाभ उन पूँजीपतियों को पहुँचाते है, जो इन्हे फंड के नाम पर मोटी रकम थमाते हैं। ये राजनीतिक पार्टियाँ श्रमिकों/किसानों गरीब मध्यम वर्ग बेरोजगार युवाऑ के हित को ताख में रख अपने हित-लाभ के खातिर कागजों पर कार्य करके अपने हित-चिंतको को ही सिर्फ लाभ पहुँचाते हैं जो इनका रात दिन गुनगान गाते हैं, जिनमे देश के बिके हुए मीडिया हाऊस भी शुमार हैं, उनमे इनकी चाटुकारिता करने वाले एंकर जो सालाना करोड़ों का पैकेज उठाते हैं, वहीं सच्च की आवाज उठाने वाले पत्रकार जेल में ठूँसे जाते हैं या अपनी जांन गवांते हैं और वहीं वो फटेहाल नजर आते हैं, ये अपने पत्रकार साथियों के लिये सुरक्षा कानून बनाने के लिये भी कभी सरकार पर दबाव नहीं बनाते, इतना ही नहीं देश की आजादी से लेकर संविधान निर्माण करने वाली वकीलों की कम्युनिटी के लिये भी सुरक्षा के कोई पुख्ता कानून बनाने के लिये सरकार पर दबाव नहीं बनाते हैं ना ही वकिलों के पक्ष में कभी खड़े नज़र आते है, न ही जनता के पक्ष में कोई मुहिम चलाते है, यदि कोई अवाज उठाते भी हैं तो देर रात में कुछ क्लिप चलाने के बाद सरकार की तारीफ में पूरा दिन तारीफ़ करते नजर आते हैं, उधर सरकार भी सिर्फ जुमलेबाज़ी से ही लोगों को लुभाती है। क्योंकि अब देश में जनता की फिक्र करने वाले 'नेता' नहीं सिर्फ 'राजनेता' बचे हैं जो सिर्फ एन-केन-प्रकारेण सत्ता लुलोभी हैं, उनका तो मानना है जनता 'मरे तो मरे' हमें तो सत्ता चाहिये...! साथियों अब वक्त आ गया है कि हमे एक बार फिर ऐसे आतितायियों के खिलाफ आवाज बुलंद करनी होगी....जिसके लिये हम सभी को एकत्र हो कर लड़ना पड़ेगा... जिसमें आप सभी का योगदान/सहियोग आपेक्षित है... आप सभी से अनुरोध है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में जुड़ें व अपने लोगों को जोड़ें, तथा आर्थिक सहियोग में भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लें ताकि सत्ता लुलोभी पूँजीपतियों के दलालों से लड़ने में मद्‍द मिले। आपका योगदान शहीदों के बलिदान को इनके हाथों मिटने से बचाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। जय हिंद...

स्वयं सेवक बनें

हमारा वादा / घोषणा पत्र

हम किसके लिए खड़े हैं

true

आपका आभार

राम प्रकाश निषाद

दोस्तों “श्रमिक उत्थान एवं सामाजिक कल्याणकारी असोशिएसन” के उल्लेखनीय कार्य को देखते हुए ये आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास के साथ कहा जा सकता है कि इसके उद्‍‍गम से निर्मित पार्टी भी देशहित व जनहित तथा श्रमिकों एवं किसानों के हित में एक नई क्रांतिकारी व्यवस्था स्थापित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अवश्य निभायेगी, मैं देश के सभी श्रमिकों, किसानों व आमजन से आग्रह करता हूँ कि सभी नागरिक एक जुट होकर इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लें और आर्थिक रूप से सहियोग कर आप पार्टी को मजबूत बनाये व स्वयं सेवक बने तथा इसकी सदस्यता भी ग्रहण करें, ताकि इससे पार्टी भी मजबूत होगी तथा इसका मनोवल भी ऊंचा होगा, जिसका लाभ आप सभी को ही मिलेगा।
आपका बहुत-बहुत आभारी
– धन्यवाव

राम प्रकाश निषाद   -   कार्यकारणी सदस्य
अ‍जय कुमार

भाइयों नमस्कार मैंने “श्रमिक उत्थान एवं सामाजिक कल्याणकारी असोशिएसन” के उल्लेखनीय कार्य को देखा ही नहीं बल्कि इससे हम और हमारे गरीब श्रमिक भाइयों और घर काम करने वाली महिलायें भी लाभांवित भी हुई अब आप पूंछेंगे कि संस्था ने आप के लिये क्या किया हम सभी एक बिल्डर समूह द्वारा ठग के शिकार हुये जिनकी न तो पुलिस शिकायत लिख रही थी और न गिरफ्तारी करने की सोंच रही थी, तब संस्था ने हमारी शिकायत लिखवायी इतना ही नहीं बल्कि उन्हे जेल भी भिजवाया, इस लिये हम पूर्ण विश्वास के साथ कह सकतें हैं कि इसके उद्‍‍गम से जन्मी पार्टी भी देशहित व जनहित तथा श्रमिकों एवं किसानों आदि के हित में एक एक महत्वपूर्ण भूमिका अवश्य निभायेगी, मैं देश के सभी श्रमिकों, किसानों व आमजन से आग्रह करता हूँ कि सभी लोग एक जुट होकर इसमें हिस्सा लें और आर्थिक रूप से भी मद्‍द करें व इसे मजबूत बनाये तथा स्वयं सेवक बने और सदस्यता भी ग्रहण करें, इससे पार्टी भी मजबूत होगी तथा इसका मनोवल भी बढेगा।

अशोक विश्वकर्मा   -   पार्टी समर्थक
त्रिभुवन यादव

साथियों मैं “श्रमिक उत्थान एवं सामाजिक कल्याणकारी असोशिएसन” के उल्लेखनीय कार्य का जो हवाला दूंगा जिसे जानकर आप चौंक जायेंगे क्योंकि उसका लाभ मैंने ही नहीं आपने भी लिया है जिससे आप आज तक नहीं जानते है आप उसे वर्तमान केंद्र की सरकार के उल्लेखनीय कार्य के रूप में ही जानते हैं बल्कि ऐसा कतई नहीं है, इस उल्लेखनीय कार्य का श्रेय संस्था के अध्यक्ष श्री रवि जी. निगम को जाता है, अब आप ये जानने के लिये उत्सुक हो रहे होंगे कि आखिर ऐसा कौन सा कार्य है जिसे सरकार ने क्रियांवित किया, अब आप जानकर हैरान होंगे कोरोनाकाल के दौरान जब अचानक लॉकडाउन लगा दिया था तब सरकार के पास कोई रास्ता नहीं था कि प्रवासी मजदूरों को और अपने घरों से दूर फसें लोगो को उनके घरों तक कैसे पहुंचाया जाये, तब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने देशवासियों को ये अश्वासन दिया था कि जो जहाँ है वो वहीं बना रहे हमें अपने आपको सुरक्षित रखना है, आप राशन की चितां मत करे हमारे पास एक साल तक का भण्डार है क्या ये बात सच नहीं है?

लेकिन ये भी याद होगा कि दिन-ब-दिन हालात बद से बद्‍तर होते जा रहे थे लोग वापस अपने परिजनों के पास जाना चाह रहे थे उधर परिजन भी अपनों से दूर होने के कारण चिंतित थे लेकिन सरकार इसे नज़रंदाज कर रही थी क्योंकि उसके पास कोई विकल्प नहीं था उसे डर था कि यदि ट्रेन या बस शुरू की तो भीड़ जमा होगी और भीड़ जमा होगी तो हालात और भी नाज़ुक हो जायेंगे इस लिये जो जहाँ है उसे कैसे भी करके वहीं रोके रखा जाये, लेकिन घरों दूर पड़े प्रवासी मजदूर और आमजनों की बेचैनी भी बढ़ती जा रही थी उधर सरकार सुध लेने को भी नहीं तैयार थी लोगों को खानें किल्लत भी बढ़ती जा रही थी ऐसे समय में स्वयंसेवी संस्थाओं ने ही खाने-पीने व्यवस्था की सरकार ने नहीं और जिसका कुछ इस तरह से दिखा कि लोग अपने घरों की ओर जाने की कूंच कर गये पहली घटना तो गुजरात से ही शुरू हुई उसके बाद मुम्बई के बांद्रा स्टेशन के पास देखी गयी।

जबकि श्री रवि जी. निगम ने लॉकडाउन के पांच दिनों बाद ही इसका अंदेशा संस्था के समाचार पोर्टल के संपादकीय के माध्यम से जता दिया था लेकिन के कान में जूं तक नहीं रेंगी, वहीं 14 अप्रैल 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी व गृहमंत्री अमित शाह जी को व पीएमऑ को तथा विपक्ष के नेता आदि को श्री रवि जी. निगम द्वारा ईमेल के जरिये ट्रेन शुरू करने तथा प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत काम देने का (SOP) सुझाव भेजा गया और वहीं बांद्रा की घटना भी इसी दिन घटी थी, तब जाकर 15 अप्रैल को गृहमंत्री की ओर मनरेगा का एक सुझाव मान लिया गया व मई में ट्रेन शुरू करने की खबर आ गयी, इतना ही नहीं पहले कोरोना का सारा प्रबंधन सिर्फ प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ही देख रहे थे, जिसका श्री निगम ने विरोध न करते हुए एक “आपदा प्रबंधन समिति” के गठन करने की मांग की जिसमें उल्लेख किया गया कि इस कमेटी में सिर्फ गैर राजनीतिक व्यक्तियों को ही रखा जाये, ताकि बिना किसी राजनीति के योजना को सफल बनाया जा सके व मनमानी पर लगाम लगाई जा सके, लेकिन इसे भी कियांवित करने के लिये सुप्रीम कोर्ट को भी पत्र लिखा गया तब बामुसकिल ये कियांवन में आ सकी लेकिन इसकी कमान सत्ताधारी नेताओं के हाथ में रही, जिसका दुष्परिणाम भी दिखा। ये है पर्दे के पीछे रहकर किया गया काम इसी लिये सरकार ने श्रमिक नाम से ट्रेन शुरू की झाण्डा सरकार व बीजेपी के लोगों ने हिला-हिला कर ट्रेन रवाना की लेकिन श्री रवि जी, निगम को एक प्रशस्ति पत्र देने तक की हिम्मत नहीं जुटाई, जिनकी वजह से देश के भीतर ही नहीं विदेशों से भी नागरिकों को लाना संभव हो पाया और एक बड़ी त्रासदी से बचाया जा सका गया अन्यथा मौतों का आकड़ा ही नहीं आर्थिक त्रासदी से भी बचने में भी सफल हुए, नहीं तो जो जीडीपी माइनस 22-24 तक ही पहुंची थी तो न जाने कहाँ जाकर थमती।

आप सभी से निवेदन कि देश के सभी श्रमिक भाई, किसान भाई व सभी नागरिक एक जुट होकर इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लें और आर्थिक रूप से सहियोग कर पार्टी को मजबूत बनाये व स्वयं सेवक बने एवं सदस्यता भी ग्रहण करें, इससे पार्टी भी मजबूत होगी तथा इसका मनोवल भी बढ़ेगा, जिसका फायदा हम सभी को क्रांतिकारी योजनाओं के रूप में मिल सकेगा।
– धन्यवाद

त्रिभुवन यादव   -   कार्यकारणी सदस्य
true
हमारी जनसेवक टीम

जनसेवक

एड. रवि जी. निगम

राष्ट्रीय अध्यक्ष

दोस्तों इस पार्टी का उद्‍गम ही एक सामाजिक सांस्था से हुआ है जिसका लक्ष्य ही श्रमिकों के मध्य संगठित और असंगठित के मानक को समाप्त करना, किसानों को सीधे ग्राहकों से जोड़ना तथा उनकी फसल को सुरक्षित भाण्डारण हेतु 10 किलोमीटर के परिधि में भण्डार गृह एवं फसलों के लिये सस्ती खाद व छोटे किसानों को ब्याज मुक्त कर्ज उपलब्ध कराना, देश के युवाओं के उज्वल भविष्य को लक्षित करते हुए योग्यता के अनुरूप रोजगार का सृजन करना, साथ ही सभी के लिये उत्तम शिक्षा एवं चिकित्सा की व्यवस्था प्रदान करना, तथा जनहित में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने हेतु नये नियम व कानून प्रावधानित कर एक सरल सुगम व्यवस्था प्रदान करना, ताकि जिससे आमजन आर्थिक संपन्न बन सके, जो एक विकसित राष्ट्र का परिचायक होता है, न कि नारों और जुमलों से... ये सपना हमारा नहीं आपका है क्या आप इसे पूर्ण करने में हमारा साथ देंगे ? इस मुहिम में आप सभी का स्वागत है आओ मिलकर जाति, धर्म, नस्ल, वर्ग के भेद-भाव व एक दूसरे के प्रति नफ़रत को मिटाकर एक नये अखण्ड भारत का निर्माण करें।

Public Administration 98%
Human Rights 89%
true
true
समाचार एवं आलेखों से

जन संदेश

true
true