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कार्यकारणी सदस्य

साथियों मैं “श्रमिक उत्थान एवं सामाजिक कल्याणकारी असोशिएसन” के उल्लेखनीय कार्य का जो हवाला दूंगा जिसे जानकर आप चौंक जायेंगे क्योंकि उसका लाभ मैंने ही नहीं आपने भी लिया है जिससे आप आज तक नहीं जानते है आप उसे वर्तमान केंद्र की सरकार के उल्लेखनीय कार्य के रूप में ही जानते हैं बल्कि ऐसा कतई नहीं है, इस उल्लेखनीय कार्य का श्रेय संस्था के अध्यक्ष श्री रवि जी. निगम को जाता है, अब आप ये जानने के लिये उत्सुक हो रहे होंगे कि आखिर ऐसा कौन सा कार्य है जिसे सरकार ने क्रियांवित किया, अब आप जानकर हैरान होंगे कोरोनाकाल के दौरान जब अचानक लॉकडाउन लगा दिया था तब सरकार के पास कोई रास्ता नहीं था कि प्रवासी मजदूरों को और अपने घरों से दूर फसें लोगो को उनके घरों तक कैसे पहुंचाया जाये, तब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने देशवासियों को ये अश्वासन दिया था कि जो जहाँ है वो वहीं बना रहे हमें अपने आपको सुरक्षित रखना है, आप राशन की चितां मत करे हमारे पास एक साल तक का भण्डार है क्या ये बात सच नहीं है?

लेकिन ये भी याद होगा कि दिन-ब-दिन हालात बद से बद्‍तर होते जा रहे थे लोग वापस अपने परिजनों के पास जाना चाह रहे थे उधर परिजन भी अपनों से दूर होने के कारण चिंतित थे लेकिन सरकार इसे नज़रंदाज कर रही थी क्योंकि उसके पास कोई विकल्प नहीं था उसे डर था कि यदि ट्रेन या बस शुरू की तो भीड़ जमा होगी और भीड़ जमा होगी तो हालात और भी नाज़ुक हो जायेंगे इस लिये जो जहाँ है उसे कैसे भी करके वहीं रोके रखा जाये, लेकिन घरों दूर पड़े प्रवासी मजदूर और आमजनों की बेचैनी भी बढ़ती जा रही थी उधर सरकार सुध लेने को भी नहीं तैयार थी लोगों को खानें किल्लत भी बढ़ती जा रही थी ऐसे समय में स्वयंसेवी संस्थाओं ने ही खाने-पीने व्यवस्था की सरकार ने नहीं और जिसका कुछ इस तरह से दिखा कि लोग अपने घरों की ओर जाने की कूंच कर गये पहली घटना तो गुजरात से ही शुरू हुई उसके बाद मुम्बई के बांद्रा स्टेशन के पास देखी गयी।

जबकि श्री रवि जी. निगम ने लॉकडाउन के पांच दिनों बाद ही इसका अंदेशा संस्था के समाचार पोर्टल के संपादकीय के माध्यम से जता दिया था लेकिन के कान में जूं तक नहीं रेंगी, वहीं 14 अप्रैल 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी व गृहमंत्री अमित शाह जी को व पीएमऑ को तथा विपक्ष के नेता आदि को श्री रवि जी. निगम द्वारा ईमेल के जरिये ट्रेन शुरू करने तथा प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत काम देने का (SOP) सुझाव भेजा गया और वहीं बांद्रा की घटना भी इसी दिन घटी थी, तब जाकर 15 अप्रैल को गृहमंत्री की ओर मनरेगा का एक सुझाव मान लिया गया व मई में ट्रेन शुरू करने की खबर आ गयी, इतना ही नहीं पहले कोरोना का सारा प्रबंधन सिर्फ प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ही देख रहे थे, जिसका श्री निगम ने विरोध न करते हुए एक “आपदा प्रबंधन समिति” के गठन करने की मांग की जिसमें उल्लेख किया गया कि इस कमेटी में सिर्फ गैर राजनीतिक व्यक्तियों को ही रखा जाये, ताकि बिना किसी राजनीति के योजना को सफल बनाया जा सके व मनमानी पर लगाम लगाई जा सके, लेकिन इसे भी कियांवित करने के लिये सुप्रीम कोर्ट को भी पत्र लिखा गया तब बामुसकिल ये कियांवन में आ सकी लेकिन इसकी कमान सत्ताधारी नेताओं के हाथ में रही, जिसका दुष्परिणाम भी दिखा। ये है पर्दे के पीछे रहकर किया गया काम इसी लिये सरकार ने श्रमिक नाम से ट्रेन शुरू की झाण्डा सरकार व बीजेपी के लोगों ने हिला-हिला कर ट्रेन रवाना की लेकिन श्री रवि जी, निगम को एक प्रशस्ति पत्र देने तक की हिम्मत नहीं जुटाई, जिनकी वजह से देश के भीतर ही नहीं विदेशों से भी नागरिकों को लाना संभव हो पाया और एक बड़ी त्रासदी से बचाया जा सका गया अन्यथा मौतों का आकड़ा ही नहीं आर्थिक त्रासदी से भी बचने में भी सफल हुए, नहीं तो जो जीडीपी माइनस 22-24 तक ही पहुंची थी तो न जाने कहाँ जाकर थमती।

आप सभी से निवेदन कि देश के सभी श्रमिक भाई, किसान भाई व सभी नागरिक एक जुट होकर इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लें और आर्थिक रूप से सहियोग कर पार्टी को मजबूत बनाये व स्वयं सेवक बने एवं सदस्यता भी ग्रहण करें, इससे पार्टी भी मजबूत होगी तथा इसका मनोवल भी बढ़ेगा, जिसका फायदा हम सभी को क्रांतिकारी योजनाओं के रूप में मिल सकेगा।
– धन्यवाद