सब हो आर्थिक सक्षम इसके लिये इस दिशा में अमूलचूल परिवर्तन लाने की आवश्यकता है-
1- सबसे पहले असंगठित और संगठित के मध्य की दूरी को पाटना होगा, जिससे लोगों को समान काम समान दाम की व्यवस्था प्रदान किया जा सके।
2- साथ ही शिक्षा क्षेत्र को मजबूत किया जाना अति आवश्यक है, क्योंकि जब तक लोग साक्षर नहीं होंगे देश उन्नति नहीं कर सकता, क्योंकि लोगों को अपने कर्तव्य और दायित्व का बोध नहीं होता है कि बेहतर जीवन यापन के लिये पढा लिखा होना जरूरी हो जाता है, क्योंकि जो भी काम मिलता है उसके लिये उतनी योग्यता की भी आवश्यकता होती है उसी के अनुरूप आपको काम मिलता है, जब आपकी शिक्षा दिक्षा अच्छी होगी तो काम भी अच्छा ही मिलेगा जब काम अच्छा होगा तो सेलरी भी अच्छी होगी, जिससे आपके जीवन स्तर का भी ग्राफ ऊँचा होगा।
3- इतना ही नहीं बंद कारखानों को पुन: खोलने के लिये सरल, सक्षम और पारदर्शी नियम और कानून को स्थापित कर श्रमिकों और मालिकों के मध्य आपसी समंवय स्थापित करा कर उन्हे वापस शुरू कराना, जो श्रमिकों के उत्थान के लिये अति-आवश्यक है, जिससे लोगों को रोजगार प्रदान कराया जा सके और लोग आर्थिक सक्षम बन सकें।